मालवी भाषा में हिंदी की लघुकथाओं का शानदार व यादगार लोकार्पण समारोह संपन्न।
मालवी-हिन्दी लघुकथाएं पुस्तक लोकार्पण समारोह वरिष्ठ साहित्यकार दिनेश तिवारी उपवन की कलम से।
इंदौर
गत दिनों इंदौर के हिंदी साहित्य सभाग्रह में देश के सुप्रसिद्ध लघु कथाकार डॉ योगेंद्र नाथ शुक्ल की लघु कथाओं का मालवी भाषा में अनुवाद सुप्रसिद्ध मालवी भाषा की लेखिका हेमलता शर्मा भोली बेन ने किया। लघु कथा की मालवी भाषा में अनुवाद के मुख्य अतिथि देश के सुप्रसिद्ध लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार उज्जैन निवासी डॉ शिव चौरसिया थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश के निदेशक व विद्वान डॉ विकास दवे ने की। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में इंदौर के सुप्रसिद्ध रंगकर्मी संजय पटेल मंचासीन थे।
इस मनभावन व यादगार कार्यक्रम का संचालन बारी बारी से इंदौर नगर के वरिष्ठ पत्रकार भाई मुकेश तिवारी व लेखिका अर्पणा तिवारी ने किया।
हिंदी साहित्य सभा गृह में आगंतुक सभी महानुभावों का कार्यक्रम की प्रमुख हेमलता शर्मा भोली बेन के निर्देशन में अदिति शर्मा ने मालवी पगड़ी सिर पर तिलक व बेज लगाकर आत्मीयता से हार्दिक अभिनंदन किया।
भारतीय संस्कृति और परंपरा से ओतप्रोत यह कार्यक्रम वास्तव में लोगों के दिलों में बहुत दिनों तक एक अमिट याद बनकर रहेगा ।इस कटु सत्यता से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है। मंच पर बैठे देश के सुप्रसिद्ध साहित्यकार व मुख्य अतिथि डॉक्टर शिव चौरसिया व रंग कर्मी संजय पटेल के चेहरे पर मालवी भाषा के उन्नयन की बेहद चिंता थी यह उनकी मुख्य मुद्रा को देखकर लग रहा था। दूसरी ओर देश के वरिष्ठ लघु कथाकार योगेंद्र नाथ शुक्ल की चेहरे पर मुस्कुराहट और अनुवादिका हेमलता शर्मा भोली बेन के चेहरे की मुस्कुराहट से ऐसा लग रहा था कि निश्चित ही मालवी भाषा का परचम एक दिन मालवा के दो करोड़ लोगों में जरूर फहराएगा।
सरस्वती वंदना में वयोवृद्ध लेखिका आदरणीय सरला बेन मेहता ने वाकई में आनंद ला दिया। दूसरी ओर मालवी भाषा के लोक गायक भाई मधुसूदन जी त्रिवेदी ने स्वागत वंदन गीत गाकर आनंद ला दिया। आकाशवाणी इंदौर के स्वर्गीय सीताराम वर्मा भेरा जी के पोते जयेश कैलाश वर्मा का अभिनंदन भी मंच पर याद बनकर हमेशा रहेगा।
दिनेश तिवारी उपवन
प्रांतीय सचिव पत्र लेखक मंच,
110,गोयल एवेन्यू, निपानिया, इंदौर
चित्र में: प्रथम क्रम पर मालवी की सुप्रसिद्ध लेखिका हेमलता शर्मा भोली बेन, डॉक्टर शिव चौरसिया वरिष्ठ साहित्यकार उज्जैन, साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश के निदेशक और विद्वान डॉ विकास दवे भोपाल और साथ में मैं स्वयं दिनेश तिवारी उपवन साहित्यकार।
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