Sunday, February 12, 2023

मालवी -हिन्दी लघुकथाएं का लोकार्पण समारोह सम्पन्न

मालवी भाषा में हिंदी की लघुकथाओं का शानदार व यादगार लोकार्पण समारोह संपन्न।


मालवी-हिन्दी लघुकथाएं पुस्तक लोकार्पण समारोह वरिष्ठ साहित्यकार दिनेश तिवारी उपवन की कलम से।

इंदौर

गत दिनों इंदौर के हिंदी साहित्य सभाग्रह में देश के सुप्रसिद्ध लघु कथाकार डॉ योगेंद्र नाथ शुक्ल की लघु कथाओं का मालवी भाषा में अनुवाद सुप्रसिद्ध मालवी भाषा की लेखिका हेमलता शर्मा  भोली बेन ने किया। लघु कथा की मालवी भाषा में अनुवाद के मुख्य अतिथि देश के सुप्रसिद्ध लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार उज्जैन निवासी डॉ शिव चौरसिया थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश के निदेशक व विद्वान डॉ विकास दवे ने की। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में इंदौर के सुप्रसिद्ध रंगकर्मी संजय पटेल मंचासीन थे।

 इस मनभावन व यादगार कार्यक्रम का संचालन बारी बारी से इंदौर नगर के वरिष्ठ पत्रकार भाई मुकेश तिवारी व लेखिका अर्पणा तिवारी ने  किया। 



हिंदी साहित्य सभा गृह में आगंतुक सभी महानुभावों का कार्यक्रम की प्रमुख हेमलता शर्मा भोली बेन के निर्देशन में अदिति शर्मा ने मालवी पगड़ी सिर पर तिलक व बेज लगाकर आत्मीयता से हार्दिक अभिनंदन किया। 



भारतीय संस्कृति और परंपरा से ओतप्रोत यह कार्यक्रम वास्तव में लोगों के दिलों में बहुत दिनों तक एक अमिट याद बनकर रहेगा ।इस कटु सत्यता से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है। मंच पर बैठे देश के सुप्रसिद्ध साहित्यकार व मुख्य अतिथि डॉक्टर शिव चौरसिया व रंग कर्मी संजय पटेल के चेहरे पर मालवी भाषा के उन्नयन की बेहद चिंता थी यह उनकी मुख्य मुद्रा को देखकर लग रहा था। दूसरी ओर देश के वरिष्ठ लघु कथाकार योगेंद्र नाथ शुक्ल की चेहरे पर मुस्कुराहट और अनुवादिका हेमलता शर्मा भोली बेन के चेहरे की मुस्कुराहट से ऐसा लग रहा था कि निश्चित ही मालवी भाषा का परचम एक दिन  मालवा के दो करोड़ लोगों में जरूर  फहराएगा। 

सरस्वती वंदना में वयोवृद्ध लेखिका आदरणीय सरला बेन मेहता ने वाकई में आनंद ला दिया। दूसरी ओर मालवी भाषा के लोक गायक भाई मधुसूदन जी त्रिवेदी ने स्वागत वंदन गीत गाकर आनंद ला दिया। आकाशवाणी इंदौर के स्वर्गीय सीताराम वर्मा भेरा जी के पोते जयेश कैलाश वर्मा का अभिनंदन भी मंच पर याद बनकर हमेशा रहेगा। 


हेमलता शर्मा भोली बेन ने जितने भी साहित्य मनीषियों का सम्मान किया वह एक तरह से मालवा के हीरे थे। डॉक्टर योगेंद्र नाथ शुक्ल की हिंदी लघु कथाओं का मालवी भाषा में भोली बेन द्वारा अनुवाद वाकई में एक यादगार कार्यक्रम बनकर रहेगा ।कार्यक्रम में अतिथि परिचय डॉ निरुपमा नागर, महिमा शुक्ला, निरुपमा त्रिवेदी आदि ने किया। मंच पर आसीन सभी विद्वत जनों ने सारगर्भित उद्बोधन से रसिक श्रोताओं का मन हमेशा के लिए मोह लिया। I इस इस यादगार कार्यक्रम में मुख्य रूप से हिंदी साहित्य के मनीषी भाई महेंद्र सांघी, लोक भजन गायक भाई तेजकरण दुबे, पत्रकार मुकेश इंदौरी ,राम चंद्र अवस्थी, कवि भदोरिया जी प्राण, राष्ट्रीय कवि सत्यन वर्मा सत्येन, जयेश कैलाश भेरा जी ,डॉक्टर पंकज बिरमाल, डॉ प्रताप सिंह सोढ़ी, आशिक हुसैन देवास वाला, सरला बहन मेहता ,अर्पणा तिवारी, मुकेश तिवारी, पत्रकार निरुपमा त्रिवेदी, निरुपमा नागर, गरिमा संजय दुबे, महिमा शुक्ला, मुकेश शर्मा,दिनेश तिवारी उपवन आदि की उपस्थिति सराहनीय रही। कार्यक्रम में डॉ योगेंद्र नाथ शुक्ल द्वारा अपनी चार लघु कथाओं का वाचन बेहद अनुकरणीय रहा। साथ ही हेमलता शर्मा भोली बेन ने डॉक्टर योगेंद्र नाथ शुक्ल की लघु कथाओं का मालवी भाषा में वाचन कर उपस्थित श्रोताओं की बहुत दाद बटोरी।  आभार प्रदर्शन युवा तुर्क अभिमन्यु शर्मा ने मालवी भाषा में किया जो बेहद सराहनीय था। मालवा की संस्कृति पर आधारित यह कार्यक्रम मालवा की सुप्रसिद्ध लेखिका हेमलता शर्मा के अथक प्रयास व लगन से पूरी तरह प्रायोजित था इस तरह के कार्यक्रम साहित्य जगत में विरले ही देखने को मिलते हैं हेमलता शर्मा भोलीबेन इस यादगार कार्यक्रम के लिए निश्चित ही बधाई की पात्र है।


दिनेश तिवारी उपवन


प्रांतीय सचिव पत्र लेखक मंच,

110,गोयल एवेन्यू, निपानिया, इंदौर


चित्र में: प्रथम क्रम पर मालवी की सुप्रसिद्ध लेखिका हेमलता शर्मा भोली बेन, डॉक्टर शिव चौरसिया वरिष्ठ साहित्यकार उज्जैन, साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश के निदेशक और विद्वान डॉ विकास दवे भोपाल और साथ में मैं स्वयं दिनेश तिवारी उपवन साहित्यकार।


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