Thursday, August 27, 2020

अपणो मालवो-मालवी लोकोक्तियां एवं मुहावरे

 Download अपणो मालवो 


भोली बेन की मालवी प्रेमी लोगोण खे सस्नेह भेंट --मालवी बोली की पुस्तक-अपणो मालवों ---एक क्लिक पे उलब्ध है ।   Download पर क्लिक करें और पुस्तक पढ़े । यह पुस्तक निशुल्क है । ISBN number लेने के लिए 10/-रूपये प्रिंट करना पड़ा । अधिक से अधिक लोगों को शेयर करें ताकि पुस्तक अधिक लोगों तक पहुंच सके । 

            तमारी अपणी भोली बेन

10 comments:

  1. आदरणीया,
    हेमलता शर्मा,भोली बेन
    सादर प्रणाम 🙏
    मालवी लोकभाषा में आपके फेसबुक पोस्ट बहुत अच्छे लगते हैं , इन्हें पढ़कर सहज ही लोकभाषा की ओर ध्यान आकर्षित होता है।
    आपकी पुस्तक मालवी लोकभाषा के प्रचार प्रसार और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी इसमें तनिक भी संदेह नहीं है।

    आपको पुस्तक प्रकाशित होने पर बहुत बहुत हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 💐
    पुस्तक में मालवी लोकभाषा में मुहावरे, तथा कोरोना के नाम पत्र बहुत सुंदर लगा।
    ईश्वर से आपके सुखद शुभ मंगलमय दीर्घयुष्य की कामना करता हूं।आप को उज्जवल भविष्य की अनंत शुभकामनाऐं 💐💐💐💐
    सादर ✍️
    मुरली मनोहर भट्ट आचार्य
    हिन्दी/संस्कृत अध्यापक
    माध्यमिक विद्यालय
    उत्तरकाशी, उत्तराखंड।

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    1. आत्मीय आभार आदरणीय भाई साहब। मेरा प्रयास यही है कि मालवी बोली की मिठास से सम्पूर्ण भारत अवगत हो। आपके आशीर्वाद और स्नेह के लिए हृदय से आभारी हूं। 😄🙏

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  2. मालवी जैसी शीरीं और गमकती जुबां कोई नहीं ,हम मालवी वैसे भी कुछ इतराने वाले होते हैं और इस सब में ऊपर वाले ने भी देने में कोई कसर नहीं छोड़ी.......मालवा माटी गहन गंभीर पग-पग रोटी डग-डग नीर.
    खान पान से ले प्रकृति सब कुछ .......और मनक तो हैई घणो स्याणा
    मालवी का जादू सब के सर चढ़ के बोलता है। बधाई इस सुंदर पुस्तक के लिए
    म्हारे मालवा के लेखक न जने कईं समझे लिखणो को ने इत्न्नी मैंगी कर दे किताब के कोई ले के बांच नी ले, ने ले तमने पढ़ने वास्ते लिख दी

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    1. आत्मीय आभार आदरणीय। मैं विशेषकर मालवी बोली के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु निरंतर प्रयासरत हूं । मेरा मालवी का जो भी साहित्य आयेगा वो सभी मालवी प्रेमियों के लिए निशुल्क ही रहेगा । म्हारी इच्छा तो या हे के म्हारा मालवा का लोगोण आने नवी पीढ़ी मालवी पौथी पढ़ें , मालवी बोले अने लिखें । सगला मनख इत्तोज करेगा तो हूं अपणे आप के धन्य समझूंगा । पाछो घणो घणों आभार म्हारी फौजी के मान देने वास्ते । 😀🙏💐💐

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  3. परम आदरणीया हेमलता शर्मा भोली
    बेन
    अपणो मालवों, मालवीय लोक भाषा के मुहावरे , करोना को पत्र , किनारा की खोज, उपन्यास सभी मालवी भाषा को समरथ बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे आपको बहुत-बहुत बधाई अनंत शुभकामनाएं आपकी यश कीर्ति आसमान की ऊंचाई को स्पर्श करें मंगल कामना के साथ
    आपकी दीदी
    डॉ शशिकला अवस्थी
    इंदौर मध्य प्रदेश

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    1. सादर धन्यवाद आदरणीया दीदी। आपका आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हुई । सदैव इसी प्रकार आशीर्वाद बना रहे। सादर प्रणाम।😀❤️🙏🏻👍🏻👍🏻

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    2. सादर धन्यवाद आदरणीया दीदी। आपका आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हुई । सदैव इसी प्रकार आशीर्वाद बना रहे। सादर प्रणाम।😀❤️🙏🏻👍🏻👍🏻

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    3. सादर धन्यवाद आदरणीया दीदी। आपका आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हुई । सदैव इसी प्रकार आशीर्वाद बना रहे। सादर प्रणाम।😀❤️🙏🏻👍🏻👍🏻

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  4. म्हने किताब बाँची ,
    मजो अई गयो ।
    अब ख़रीदनों है कां से ?

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    1. खरीदने की कई ज्योत । इकी ज प्रिंट हेड़ो ने बांचो ने कली म्हारा से मिलो तो लय ली जो ।

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