बच्चे बोले-ये तो हमारी भाषा की किताब है।
मालवी लोकोक्तियों एवं मुहावरे की पुस्तकों का सी.एम.राईज विद्यालय एवं कन्या शाला में वितरण ।
बच्चों के लिए पुस्तक बहुत उपयोगी - प्राचार्य ।
मनावर,धार -
बच्चों के लिए यह पुस्तक बहुत उपयोगी है, लोकोक्तियां एवं मुहावरे तो हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। बच्चें इस पुस्तक के माध्यम से अपनी लोकभाषा और संस्कृति से जुड़ाव महसूस करेंगे। यह बात सी.एम.राईज स्कूल,मनावर के प्राचार्य श्री नरगेश ने कही
वे हेमलता शर्मा भोली बेन द्वारा मालवी लोकोक्तियों एवं मुहावरे एवं संजा पर्व की पुस्तकों के बच्चों को निशुल्क वितरण के अवसर पर बोल रहे थे। जैसे ही पुस्तकें बच्चों को प्रदाय की गई, वे तत्काल पन्ने पलटने लगे और उन्हीं में में एक बच्ची चहक कर बोली - अरे ये तो हमारी भाषा की किताब है। साथ ही संजा पर्व की पुस्तकें देखते ही बच्चियों ने लोकदेवी संजा माता के गीत गाकर अपनी खुशी जाहिर की।
भोली बेन ने कहा कि आप सब मालवा-निमाड़ के बच्चे ही हमारी लोकभाषा और लोक संस्कृति की धरोहर को बचा सकते हो, आप ही मालवा निमाड़ का भविष्य हो, इसीलिए अपणो मालवो परिवार के माध्यम से पुस्तकें बच्चों को निशुल्क रूप से वितरित की जा रही है। साथ ही विद्यालय में चल रही खेल गतिविधियों की सराहना की और बच्चों को प्रेरक संदेश भी दिया।
साथ ही दुधि स्थित आश्रम में वेद सीखने वाले बटुकों को भी पुस्तकें प्रदाय की गई।इस अवसर पर विद्यालय का स्टाफ, बी.आर.सी., जितेन्द्र रोजड़े, रमेश नरगेश, मालती भलावे आदि उपस्थित थे।
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