Tuesday, May 24, 2022

मालवी निमाड़ी बचाने हस्ताक्षर अभियान जारी

 अकादमी की मांग को लेकर अभी भी चल रहा हस्ताक्षर अभियान ,,, मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपने की हो रही है तैयारी ,,,,      


      इंदौर। मध्यप्रदेश में मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी बनाने की मांग को लेकर बीते चार सप्ताह से लगातार   हस्ताक्षर अभियान चल रहा है । एक सप्ताह के लिए शुरू किया गया हस्ताक्षर अभियान अभी भी जारी है।  अभी तक इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में हजारों लोग हस्ताक्षर कर सरकार से मांग कर चुके हैं कि जल्द से जल्द सरकार मालवा में अकादमी बनवाने का काम करे ,ताकि मालवा निमाड़ की विलुप्त हो रही मालवी निमाड़ी बोली और लोक संस्कृति को बचाया जा सके। अब संघर्ष समिति के प्रभारियों ने अपने- अपने क्षेत्र की हस्ताक्षरित  ज्ञापन प्रति समिति की अध्यक्ष भोली बेन को सौंपना शुरू कर दिया है।जल्द ही ये संयुक्त ज्ञापन मुख्यमंत्री और संस्कृति मंत्री को सौपा जाएगा।  



संघर्ष समिति के प्रभारी बबन पटेल,डॉ दिलीप जोशी,अभिषेक पंडित, निरुपमा नागर, निरुपमा त्रिवेदी, वाशुदेव पटेल तंवर, मुकेश मोरी,दिलीप जोशी,डॉ शशि निगम,डॉ शशिकला अवस्थी, कार्तिकेय त्रिपाठी, डॉ जगदीश पंचोली ,मंदसौर प्रभारी  दिलीप सेठिया, देवास से दम्पत्ती  हरीश राधाकृष्ण चौधरी और वंदना चौधरी  द्वारा अपने अपने क्षेत्र की हस्तारक्षित ज्ञापन प्रति भोली बेन को सौप   चुके है।  अपणो मालवो द्वारा वृहद स्तर पर चलाए गए  हस्ताक्षर अभियान में अभी तक हजारों लोग हस्ताक्षर कर अकादमी बनाने की मांग सरकार से कर चुके है। संघर्ष समिति सदस्यों द्वारा अभी भी विभिन्न शहरों में  प्रभारियों के साथ विभिन्न संस्थाओं के समर्थन से हस्ताक्षर अभियान को चलाया जा रहा है।  इन्दौर प्रभारी मुकेश शर्मा, महिमा शुक्ला , डॉ विजय पाठक , रंजना मुकेश शर्मा,  संजय परसाई सरल, यशपाल तंवर, अलक्षेन्द्र व्यास, शरद जोशी शलभ, राम सिंघल, अशोक पटेल, दीपक चाकरे, आरती जोशी, महिमा शुक्ला,जयेश बामनिया, महेश मावले, संजय शर्मा, , अभिमन्यु शर्मा, प्रदीप नाईक, मधुसूदन त्रिवेदी, दिलीप जोशी, संजय डागा, अर्चना कानूनगो, डॉ स्वाति तिवारी , साधना बलवटे, नीतेश जोशी, केके तिवारी भोपाल, अजय सोलंकी, आशा जाखड़, सुनीता श्रीवास्तव आदि  अपने अपने क्षेत्र में लोगो से हस्ताक्षर करवाए ।  







अकादमी स्थापना संघर्ष समिति की संचालक व अपणो मालवो की संस्थापक एवं मालवी-निमाड़ी शोध संस्थान की सचिव सुश्री हेमलता शर्मा" भोली बेन" ने बताया कि जब तक सरकार अकादमी नही बना देती हमारा संघर्ष जारी रहेगा।हम किसी भी हालत में मालवी निमाड़ी बोली और संस्कृति को विलुप्त नही होने देंगे।इसके लिए सभी सहयोगी संस्थाएं  श्री गौड़ ब्राह्मण समाज इंदौर, सर्व ब्राह्मण समाज आगर, परशुराम सेना आगर,  मालवी निमाड़ी साहित्य शोध संस्थान, इंदौर,अखिल भारतीय साहित्य परिषद धार, हल्ला गुल्ला साहित्य मंच रतलाम, महफ़िल साहित्यिक परिवार, धामनोद, नीला दरिया साहित्य मंच, रतलाम के साथ अब सरोकार साझा मंच ,राज ललित शोध संस्थान, भाव्याजंलि प्रतिबिंब प्रतिभाओं की कला भोपाल, प्रयास कला संगम एवं सर्वमंगलम प्रोडक्शन हाऊस, अदा रंग समूह,मालवा थिएटर, मानवता सेवा चेन ,अखिल भारतीय क्षत्रिय कलोता समाज,श्री गौड़ ब्राह्मण  महासभा पारमार्थिक ट्रस्ट ,श्री श्री साहित्य सभा इन्दोर, बज़्म और महफ़िल साहित्यिक परिवार,  धामनोद, अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद इंदौर, शुभ संकल्प संस्था इंदौर, वामा साहित्य मंच, इंदौर भी प्रयास कर रही है।

Friday, May 13, 2022

हस्ताक्षर अभियान को लेकर मालवा निमाड़ के लोगों में अपार उत्साह

 

भारत में मालवा - निमाड़ की मुख्य पहचान बनेगी साहित्य अकादमी ,,,,,   15 जिलो के हजारों लोगों ने हस्ताक्षर कर शासन से की अकादमी बनाने की मांग ,,, 

                            मध्यप्रदेश में मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी बनाने की मांग को लेकर लगातार  हस्ताक्षर अभियान जारी है । अवी तक इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में हजारों लोग हस्ताक्षर कर सरकार से मांग कर चुके है कि जल्द से जल्द सरकार मालवा में अकादमी बनवाने का काम करे ताकि मालवा निमाड़ की विलुप्त हो रही संस्कृति को बचाया जा सके। जल्द ही इस मांग को लेकर मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी संघर्ष समिति मुख्यमंत्री को हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंपेगी। बीते एक सप्ताह से हस्ताक्षर अभियान जारी है। अपणो मालवो द्वारा वृहद स्तर पर चलाए गए  हस्ताक्षर अभियान में अभी तक हजारों लोग हस्ताक्षर कर अकादमी बनाने की मांग सरकार से कर रहे है। संघर्ष समिति सदस्यों द्वारा अभी भी विभिन्न शहरों में  प्रभारियों के साथ विभिन्न संस्थाओं ने। हस्ताक्षर अभियान में सहयोग दिया है। साथ ही आमजन ने आगे आकर हस्ताक्षर अभियान को सफल बनाया है । इन्दौर प्रभारी मुकेश शर्मा, अभिषेक पंडित, रंजना मुकेश शर्मा, निरूपमा नागर, निरुपमा त्रिवेदी, संजय परसाई सरल, यशपाल तंवर, अलक्षेन्द्र व्यास, शरद जोशी शलभ, राम सिंघल, अशोक पटेल, दीपक चाकरे,वासूदेव पटेल तंवर, आरती जोशी, महिमा शुक्ला,जयेश बामनिया, महेश मावले, संजय शर्मा, , अभिमन्यु शर्मा, बबन पटेल, मधुसूदन त्रिवेदी, दिलीप जोशी, संजय डागा, अर्चना कानूनगो , डॉ शशि निगम, नीतेश जोशी, केके तिवारी भोपाल, महेश सूर्यवंशी, कमल परमार, अजय सोलंकी, आशा जाखड़, सुनीता श्रीवास्तव आदि  लोगो से हस्ताक्षर करवा रहे है ।  अकादमी स्थापना संघर्ष समिति की संचालक व अपणो मालवो की संस्थापक एवं मालवी-निमाड़ी शोध संस्थान की सचिव सुश्री हेमलता शर्मा" भोली बेन" ने बताया कि जब तक सरकार अकादमी नही बना देती हमारा संघर्ष जारी रहेगा।हम किसी भी हालत में मालवी निमाड़ी संस्कृति को विलुप्त नही होने देंगे। असीम जोशी, अनामिका मीणा, श्रुति राव, सलोनी सोनी आदि ने आगे आकर हस्ताक्षर अभियान में सहयोग किया।  इसके लिए सभी सहयोगी संस्थाएं  श्री गौड़ ब्राह्मण समाज इंदौर, सर्व ब्राह्मण समाज आगर, परशुराम सेना आगर,  मालवी निमाड़ी साहित्य शोध संस्थान, इंदौर,अखिल भारतीय साहित्य परिषद धार, हल्ला गुल्ला साहित्य मंच रतलाम, महफ़िल साहित्यिक परिवार, धामनोद, नीला दरिया साहित्य मंच, रतलाम के साथ अब सरोकार साझा मंच ,राज ललित शोध संस्थान, भाव्याजंलि प्रतिबिंब प्रतिभाओं की कला भोपाल, प्रयास कला संगम एवं सर्वमंगलम प्रोडक्शन हाऊस, अदा रंग समूह,मालवा थिएटर, मानवता सेवा चेन ,अखिल भारतीय क्षत्रिय कलोता समाज,श्री गौड़ ब्राह्मण  महासभा पारमार्थिक ट्रस्ट ,श्री श्री साहित्य सभा इन्दोर, बज़्म और महफ़िल साहित्यिक परिवार, धामनोद, अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद इंदौर, शुभ संकल्प संस्था इंदौर की प्रयास कर रही है। --- आज तक नही की गई थी ऐसी पहल--- आज तक मालवा निमाड़ में मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी बनाने जैसी पहल पहले कभी नही की गई थी। इंदौर, उज्जैन संभाग में 1 दर्जन से अधिक जिले होने व इन जिलों में ढाई करोड़ के लगभग आबादी होने के बाद भी अकादमी की और किसी ने ध्यान नही दिया,जबकि दोनो संभाग में कई मालवी निमाड़ी साहित्यिक मंच है,लेकिन इस बार लोगो ने सामूहिक रूप से ये प्रयास किया है जिसके भविष्य में अच्छे परिणाम सामने आएंगे।जब भी ये अकादमी बनकर तैयार होगी मालवा निमाड़ की आने वाली पीढ़ी को इसमें अपने क्षेत्र का साहित्य मिलेगा जो उनके शोध में सहायक होगा। अकादमी में विभिन्न मालवी निमाड़ी संस्कृति को संरक्षित किया जा सकेगा।इसीलिए सभी जन में अकादमी को लेकर उत्साह बना हुआ है।

Monday, May 9, 2022

हस्ताक्षर अभियान जारी...बनकर रहेगी अकादमी


 साहित्य अकादमी की मांग को लेकर हर जगह चला हस्ताक्षर अभियान,,, मालवा निमाड़ की बस एक ही मांग हमे हर हाल में चाहिए अकादमी,,,,, इन्दोर, उज्जैन डेस्क। भगवान परशुराम जन्मोत्सव से शुरू हुआ मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी के निर्माण की मांग को लेकर मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी संघर्ष समिति के तत्वाधान में मालवा निमाड़ अंचल के सभी 15 जिलों में हस्ताक्षर अभियान पांचवे दिन भी जारी रहा जो देर रात्री तक चला। पूरे एक सप्ताह चलने वाले इस हस्ताक्षर अभियान में पांचवे दिन भी लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और हर जगह से सैकड़ों लोगों ने मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी की मांग को लेकर ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किए । पांचवे दिन मालवी जाजम भी हस्ताक्षर अभियान में सहभागी बने और लोगो से ज्ञापन पत्र में हस्ताक्षर करवा के सरकार से अकादमी बनाने की मांग की। अकादमी स्थापना संघर्ष समिति की संचालक व अपणो मालवो की संस्थापक एवं मालवी-निमाड़ी शोध संस्थान की सचिव सुश्री हेमलता शर्मा" भोली बेन" ने भी सुबह से ही हस्ताक्षर अभियान शुरू किया और शाम को माँ बिजासन मंदिर में स्टाल लगवाकर बड़ी संख्या में लोगो से अकादमी के समर्थन में हस्ताक्षर करवाए।इसी प्रकार उनके नेतृत्व में जिला एवं क्षेत्र प्रभारियों ने लोगों से ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर करवाए और लोगों ने भी उत्साह के साथ हस्ताक्षर कर साहित्य अकादमी की मांग को लेकर आवाज बुलंद की। ।देर रात्री तक मुकेश मोरी,डॉ शशि निगम,डॉ निरुपमा नागर,डॉ स्वाति तिवारी, यशपाल तंवर, मुकेश शर्मा, संजय डागा, विजय जोशी,अनिल तिवारी, मधु दादा,संजय परसाई,श्रीमति रंजना शर्मा, कमल परमार,महेश सूर्यवंशी सहित विभिन्न संघटन श्रीगौड ब्राह्मण समाज, इंदौर, सर्व ब्राह्मण समाज आगर, परशुराम सेना, आगर, मालवी निमाड़ी साहित्य शोध संस्थान, इंदौर,अखिल भारतीय साहित्य परिषद धार, हल्ला गुल्ला साहित्य मंच रतलाम, महफ़िल साहित्यिक परिवार, धामनोद, नीला दरिया साहित्य मंच, रतलाम के साथ अब सरोकार साझा मंच ,राज ललित शोध संस्थान, भव्यजंलि प्रतिबिंब प्रतिभाओं की कला भोपाल, प्रयास कला संगम एवं सर्वमंगलम प्रोडक्शन हाऊस, आदा रंग समूह,मालवा थिएटर, मानवता सेवा चेन ,अखिल भारतीय क्षत्रीय कलोता समाज,श्री गौड़ ब्राह्मण महासभा पारमार्थिक ट्रस्ट ,श्री श्री साहित्य सभा इन्दोर आदि संस्थाए भी अकादमी सत्यापन को लेकर हस्ताक्षर अभियान को आगे बढ़ाने में सहयोगी बने।

           


                             निवेदक 

                             भोली बेन






Friday, May 6, 2022

मालवी निमाड़ी अकादमी हेतु हस्ताक्षर अभियान तीसरे दिन भी जारी

 मालवी निमाड़ी अकादमी हेतु हस्ताक्षर अभियान तीसरे दिन भी जारी......


तीसरे दिन मालवी निमाड़ी साहित्य  अकादमी की मांग को लेकर देर रात्री तक चला हस्ताक्षर अभियान......  आम लोगो ने एक साथ की मांग अकादमी हमारी बोली,संस्कृति का भविष्य ...... इन्दोर।  भगवान परशुराम जन्मोत्सव से शुरू हुआ मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी के निर्माण की मांग को लेकर मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी संघर्ष समिति के तत्वाधान में मालवा निमाड़ अंचल के सभी 15 जिलों में हस्ताक्षर अभियान  शुक्रवार को भी जारी रहा जो देर रात्री तक चला।   पूरे एक  सप्ताह चलने वाले इस हस्ताक्षर अभियान में तीसरे दिन भी  लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और सैकड़ों लोगों ने मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी की मांग को लेकर ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किए । विभागीय अधिकारियों के साथ राज्यपाल प्रतिनिधि विश्वास व्यास ने भी हस्ताक्षर किए। अभियान के तीसरे दिन सरोकार मंच की संस्थापक महिमा शुक्ला एवं मालवी मंच की संस्थापक डॉ ज्योति बैस भदोरिया ने अस्वस्थ होने के बाद भी हस्ताक्षर अभियान जारी रखा जिसकी सभी ने सराहना की।  अकादमी स्थापना संघर्ष समिति की संचालक व अपणो मालवो की संस्थापक एवं मालवी-निमाड़ी शोध संस्थान की सचिव सुश्री हेमलता शर्मा" भोली बेन" के नेतृत्व में  जिला एवं क्षेत्र प्रभारियों ने लोगों से ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर करवाए और लोगों ने भी उत्साह के साथ हस्ताक्षर कर साहित्य अकादमी की मांग को लेकर आवाज बुलंद की। इसके साथ-साथ अब नए लोग भी इस अभियान से जुड़कर मध्यप्रदेश में साहित्य अकादमी के निर्माण की मांग का पुरजोर समर्थन कर रहे हैं।   अभियान में  इंदौर जिले से प्रभारी पंडित मुकेश शर्मा द्वारा हस्ताक्षर करवाकर किया गया ।  इंदौर से प्रदीप नायक, श्रीमती निरुपमा त्रिवेदी, अभिषेक पंडित, महिला शुक्ला आदि ने भी संघर्ष समिति के साथ हस्ताक्षर अभियान को सफल बनाने का काम शुरू कर दिया है। आगर मालवा में भी मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी संघर्ष समिति के जिला प्रभारी पंडित संजय शर्मा ने  में लोगों से ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर करवाए। इसी प्रकार रतलाम के गीतकार यशपाल तंवर ने मंदसौर में विवाह समारोह में लोगों से हस्ताक्षर करवाकर अभियान का शुभारंभ किया। धामनोद प्रभारी राम सिंघल ,रतलाम के प्रभारी संजय परसाई सरल, गीतकार अलक्षेन्द्र व्यास , खंडवा प्रभारी अशोक पटेल, दीपक चाकरें, धार से शरद जोशी शलभ, बडनगर से नीतीश जोशी, सचिन त्रिवेदी,मधुसूदन त्रिवेदी, रिजलाय से वासुदेव पटेल तंवर, उज्जैन से संघर्ष समिति प्रभारी ज्योति बेस भदौरिया, संजय शर्मा, महेश मावले बुराहनपुर, सरोकार मंच संस्थापक महिमा शुक्ला ,डॉ निरुपमा नागर इन्दोर,डॉ दिलीप जोशी आदि  भी पूरे दिन लोगों से ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर करवा कर साहित्य अकादमी स्थापना की मांग को बुलंद किया।देर रात्री तक विभिन्न संघटन श्रीगौड ब्राह्मण समाज, इंदौर, सर्व ब्राह्मण समाज आगर, परशुराम सेना, आगर,  मालवी निमाड़ी साहित्य शोध संस्थान, इंदौर,अखिल भारतीय साहित्य परिषद धार, हल्ला गुल्ला साहित्य मंच रतलाम, महफ़िल साहित्यिक परिवार, धामनोद, नीला दरिया साहित्य मंच, रतलाम आदि भी अकादमी सत्यापन को लेकर हस्ताक्षर अभियान को आगे बढ़ाते रहे।

          भोली बेन ने समस्त सामाजिक, सांस्कृतिक साहित्यिक संस्थाओं को हस्ताक्षर अभियान में सहयोग देने हेतु सादर आमंत्रित किया है।  

Monday, May 2, 2022

मालवी निमाड़ी अकादमी होनी ही चाहिए।


मालवी निमाड़ी अकादमी होनी ही चाहिए ।

मालवी निमाड़ी अकादमी की स्थापना के संबंध में जानिए वरिष्ठ साहित्यकारों और आम जनता की राय । 
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ साधना बलवटे जी, भोपाल कहती हैं- अपनी बोली यानि अपनी मातृभाषा। माँ से अधिक क्या अपना होता है। जब हम अपना कहते हैं उस शब्द का अर्थ ध्वनित होता है अपनत्व से भरा  और जब हम अपनी बोली की बात करते हैं,  तब संपूर्ण आत्मीय  वातावरण हमारे सामने उपस्थित हो जाता है । हम सबको अपनी बोली से अत्यधिक प्रेम होता है क्योंकि उस बोली में हमारे संस्कार है हमारी जीवन शैली है हमारा जीवन दर्शन है और सबसे  अधिक और महत्वपूर्ण बात अपनी बोली में अपने अस्तित्व का गौरव है जो हमें किसी भी औपचारिक भाषा में नहीं मिलता है जीवन के सारे भावों को जिस सहजता से अपनी बोली में व्यक्त किया जा सकता है दुनिया की किसी अन्य भाषा में उसे व्यक्त नहीं किया जा सकता। मालवी और निमाड़ी हमारे अंचल की सबसे मीठी बोलियाॅं है, एक माॅं है तो दूसरी माॅंसी। ममत्व के  रिश्ते मे़ं ही तो स्नेह है, ममता है, हमारे होने का गौरव है।बस इसी सब को सहेजना चाहते हैं और इसका सबसे अच्छा और इकलौता माध्यम है, अकादमी। बस इसीलिए मालवी निमाड़ी अकादमी की दरकार है और दरकार है तो उसे पूरा भी होना चाहिए।
               वरिष्ठ साहित्यकारा अलका भार्गव जी, इंदौर से अपने विचार रखती हैं- लोकभाषा ,लोकसंस्कृति जड़ों से जुड़े रहने का सबसे आसान तरीका है।पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण में ,हम जिन जड़ों से कटते जा रहे हैं वो हमारी बोलियाँ भी हैं।मध्यप्रदेश का संस्कृति ध्वज अब ऐसे हाँथों में है ,जहाँ  आश्वस्ति के साथ हम संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर जी से मालवी निमाड़ी अकादमी बनाने का अनुरोध कर सकते है, नई पीढ़ी को हस्तांतरित करने का ये श्रेष्ठ उपहार होगा।
              वरिष्ठ लेखिका मंजुला भूतड़ा जी इंदौर से अपने विचार रखती हैं- बिल्कुल सही विचार।मालवी और निमाड़ी बोलियां तो हमारे मालवा की प्राण हैं।मिठास और अपनेपन से परिपूर्ण, यह बोलियां हमारी एक विशेष पहचान बताती हैं।इनका अस्तित्व बना रहे, इसके लिए संरक्षण और संवर्धन की बहुत आवश्यकता है। यह गौरव बचाने के लिए हर सम्भव प्रयास होने चाहिए।
जय राम जी की।
                 कालापीपल, शाजापुर से कैलाश परमार जी, मालवी दोहाकार कहते हैं- क्यों आवश्यक है मालवी निमाड़ी अकादमी की स्थापना?
       किसी भी व्यक्ति का जन्म जिस माँ की कोख से होता  है ,जिसकी गोद में पलता बढ़ता है । उस  माँ की जो बोली या भाषा होती है ।वही उसकी मातृबोली या यूँ कहें कि उसकी मातृभषा होती है  । 
          मालवा निमाड़ क्षेत्र  मध्यप्रदेश के एक विशाल भू भाग में फैला है । इस भू भाग पर रहने वाले लोग मालवी निमाड़ी बोलते हैं । किन्तु अभी तक मालवी निमाड़ी के पल्लवन पोषण के लिए इनके विकास के लिए इनके साहित्य के लेखन के प्रोत्साहन के लिए कोई विशेष योजनाएँ नही बनी हैं।
           यदि इन बोलियों को उचित संरक्षण और प्रोत्साहन मिले तो निश्चय ही ये समृद्ध भाषा के रुप में विकसित हो पाएगी और मालव निमाड़ी संस्कृति अक्षुण्ण बनी रहेगी साथ ही मालवी निमाड़ी बोलियों का भाषा के रुप में विकसित होना हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी को समृद्ध बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा ।साथ ही मालवी निमाड़ी अकादमी  की स्थापना मालवा और निमाड़ क्षेत्र के लिए वरदान सिद्ध होगी।
                  मालवी निमाड़ी प्रेमी अजय सोलंकी जी, भोपाल कहते हैं - मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी होनी चाहिए भोपाल में जैसे उर्दू अकादमी सिंधी अकादमी Marathi akadami बहुत सारी एकेडमी है बालगंगा चौराहे पर मुल्लाह रामोजी अकादमी के अंदर बहुत सारी अकादमी चलती है आप इसे बचाने का अच्छा प्रयास कर रही है धीरे-धीरे सभी विलुप्त होती जा रही है ।
                  आप भी अपनी राय समर्थन में दर्ज कीजिए । 
                                निवेदक
                     आपकी अपनी भोली बेन




 

गाजबीज माता को बरत -मालवी लोक परम्परा

 गाजबीज माता को बरत -मालवी लोक परम्परा अपणो मालवो निमाड़ तीज तेवार की खान हे। यां की जगे केवात हे - बारा दन का बीस तेवार। केणे को मतलब हे कि...