Wednesday, July 5, 2023

समकालीन विमर्श में वर्तमान हिन्दी-काव्य


 अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य संस्थान गुजरात, अहमदाबाद से प्रकाशित कृति "समकालीन विमर्श में वर्तमान हिन्दी-काव्य (सप्तकवि-काव्य संकलन) में मेरी रचनाओं को स्थान देने के लिए संपादक डॉ चंद्रपाल सिंह यादव दादा को साधुवाद। अपने संपादकीय में वे लिखते हैं - "हेमलता शर्मा 'भोली बेन' एक युवा कवयित्री है । मालवी में वह प्रमुख: लिखती हैं और हिन्दी में भी उनकी लेखनी चल रही है । हेमलता शर्मा की रचनाएं नई कविता के शिल्प का संस्पर्श लिये हुए हैं । समकालीन के समानान्तर उनकी नवगीत विधा जैसी रचनाओं के कथ्य में विद्रोही स्वर भी सुनाई देता है जिसमें वह नारी से चंडी, दुर्गा बनकर नर पिशाचों का खून पीकर अंत कर देने की बात कहती हैं ।



          अपने आसपास के परिवेश और पर्यावरण के प्रति सजग वह विलुप्त होते जा रहे गौरेया जैसे पक्षियों के प्रति भी चिंतित दिखती हैं । सर्वस्व त्याग कर सीमा पर तैनात जवानों की कुर्बानी को वह नमन करती हैं । वीरांगना के रूप में रानी लक्ष्मीबाई को भी कवयित्री स्मरण करती है । सत्य पर चलते रहने से आने वाली हर मुसीबत का कवयित्री मुकाबला करने की बात कहती हैं । नारी होने के नाते वह नारी को नारायणी जैसे विशिष्ट रूप में उपस्थित कर नारी की महत्ता का बखान करती है । हेमलता शर्मा के नव गीतों में भाषा की रवानगी है शैली में टटकापन है । " 

                मेरी रचनाओं की इतनी सुन्दर प्रकार से विवेचना करने हेतु हृदय से आभार। 😀🙏🏻💐💐

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