अपणा तीज़ तेवार - हरयाली अमावस
(अपणो मालवो)
अपणा मालवा निमाड़ को मोटो परब हे यो। हरयाली अमावस के दिवासो भी बोल्यो जाय हे।
सावण को यो दूसरो सोमवार हरयाली अमावस का कारण थोड़ो विसेस हे । सावण में अपण सब भोलेनाथ बाबा की पूजा वसे भी करां पण आज को दन पितर होण की उपासना तिथि मान्यो जाय हे. असी मानता हे के इनी दन उपवास रखी ने शिवजी की पूजा अने मंत्र जाप करया जाय तो आर्थिक अने पारिवारिक समस्याहोण दूर हुई जाय हे तो खूब पूजा-पाठ करो अने पूजा उपासना से विसेस लाभ लो । अमावस्या का दन शिव भगवान की पूजा प्रदोष काल में करनो सर्वोत्तम मान्यो जाय हे. हरयाली अमावस मनाने से पितृदोष, कालसर्प दोष आदि भी दूर हुई जाय हे। आज का दन तुलसा जी अने पीपल की पूजा होय हे।
हरियाली अमावस को माहत्तम:-
सावण मास की अमावस के हरियाली अमावस बोल्यो जाय हे। बरसात का दन रे अने चारी आड़ी हरियाली हुई जाय, इनी वास्ते इके हरियाली अमावस कयो जाय हे। इनी दन दान, ध्यान अने स्नान को घणों माहत्तम हे. इका अलावा पोधा भी लगय दो तो पर्यावरण संरक्षण भी हुई जाय। आज का टेम की मांग हे। महाभारत में भी भीष्म पितामह ने कयो थो के हरयाली अमावस का दन जो मनख स्नान, दान धरम अने भोले बाबा की पूजा करेगा उ सब तरे से सुखी, निरोगी अने समृद्ध रेगा।
धाणी -मुक्का:-
हरयाली अमावस पे कुंवारी छोरी होण जंवारा बोय ने तलाव पे ठंडा करने जाय । साते धाणी पाड़ी ने लय जाय । मुठ्ठी में धाणी भरी ने अपणी सखी सेली होण के पीठ में मुक्कों मारी ने धाणी उके दय दे। एक तरे को मनोरंजक खेल हे यो। नरा लोगोण आज का दन टिपन-पाल्टी भी करें। घर से भोजन बणय ने तलाव किनारे नी तो मंदर में लय जाय ने वा ज मोज मस्ती का साते दन टेर करी ने संझा के घरे अय जाय ।
तो सगला जणा आज हरयाली अमावस मनाव ने धाणी मुक्का खाव।
तमारी अपणी
भोली बेन
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