Saturday, July 29, 2023

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुई भोली बेन की मालवी पुस्तक आज को ग्यान -मालवी सुविचार

 


https://indiabookofrecords.in/maximum-malwi-quotes-penned-by-an-individual-in-a-single-book/

भोली बेन की मालवी सुविचारों पर प्रथम पुस्तक इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज।

अपनी प्यारी बोली और दुनिया भर का ज्ञान- "आज को ग्यान" - डॉ विकास दवे, निदेशक साहित्य अकादमी (पुस्तक समीक्षा)


 मेरे हाथों में इस समय हेमलता शर्मा जिन्हें हम सब स्नेह से भोली बेन के नाम से जानते हैं की सद्य प्रकाशित कृति 'आज को ग्यान' है। यूं तो हेमलता जी एक लंबे समय से मालवी बोली की सेवा में निर्लिप्त भाव से लगी हैं किंतु इस मध्य उन्होंने अपनी इस मातृबोली की सेवा के लिए कई महत्वपूर्ण सोपान तय किए हैं।

         मालवी बोली का शब्दकोश तैयार करना हो या मालवी बोली में साहित्य की विभिन्न विधाओं को लेखन और प्रकाशित करना, हेमलता जी सदैव इन कार्यों में अग्रसर रहती हैं। मुझे याद है राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के लिए जब बोली आधारित पुस्तकें तैयार करना थी तो हेमलता जी ने उस कार्य में भी बड़ी सुगमता से अपना हाथ बंटाया था। अन्य भाषाओं से मालवी में अनुवाद करना यह उनके लिए मानों बाएं हाथ का खेल है।

   इस बार उन्होंने दुनिया भर के ज्ञान सागर के तल तक जाकर मोती चुनकर लाने का काम किया है। यह ज्ञान मोतियों को मालवी लोकभाषा में पुस्तक आकार में प्रकाशित करना आज की एक बड़ी आवश्यकता थी। बोलियों को सैद्धांतिक रूप से मान्यता मिलती रहे इसके लिए ऐसे उपक्रम ऐतिहासिक सिद्ध होते हैं। दूसरा इस प्रकार की पुस्तकों का एक बड़ा उपयोग यह भी है कि लोक से प्राप्त ज्ञान को अंतिम पंक्ति तक पहुंचाने का यह बड़ा सुलभ साधन है। ज्ञान की गरिष्ठ बातों को जब आप बोली में परिवर्तित कर देते हैं तो स्वाभाविक रूप से उसकी व्याप्ति कई गुना अधिक हो जाती है। मैं हेमलता जी को ढेर सारी बधाई देता हूं कि उन्होंने 150 पृष्ठों में भारतीय ज्ञान परंपरा के सत्व को मालवी बोली में प्रस्तुत करने का एक बड़ा उपक्रम कर दिया है।

    


        'गागर में सागर' समाहित करना मानो इसी को कहते हैं। इतनी सारी बातें एक पुस्तक में समा देना मानो अगस्त्य ऋषि की तरह अंजुरी में समुद्र भर लेने जैसा महनीय प्रयास है।  स्वाभाविक रूप से ऐसे प्रयासों को विश्व भी सराहता है। यही कारण है कि उनकी इस पुस्तक ने प्रकाशित होते ही   कीर्तिमान स्थापित कर लिया और भारत सरकार की कीर्तिमानक पुस्तक इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान प्राप्त कर लिया। मेरी ओर से ढेर सारी हार्दिक बधाई।

 सदैव सा 

डॉ विकास दवे 

निदेशक, 

साहित्य अकादमी, 

मध्यप्रदेश शासन, भोपाल


पुस्तक में सम्मिलित हैं अधिकतम मालवी सुविचार 

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हेमलता शर्मा भोली बेन का कहना है कि मेरे लिए यह विशिष्ट उपलब्धि है कि मालवी सुविचारों पर प्रथम पुस्तक मैंने लिखी , सर्वाधिक मालवी सुविचार भी इसमें सम्मिलित हुए। यह पुस्तक प्रकाशित होकर मेरी लंदन यात्रा के दो दिन पूर्व प्राप्त हुई तो सर्वप्रथम लंदन पार्लियामेंट में भारतीय उच्चायोग के श्री दीपक चौधरी जी, कथा यूके के तेजेन्द्र शर्मा जी, काउंसलर ज़किया ज़ुबैरी जी और लंदन ईलिंग के सांसद वीरेंद्र शर्मा जी के कर-कमलों में सर्वप्रथम पहुंची और अब मेरी इस पुस्तक "आज को ग्यान" मालवी सुविचार को भारत सरकार की कीर्तिमान मानक पुस्तिका "इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। इस पुस्तक के प्रकाशक प्रिंसेप प्रकाशन की मैं हृदय से आभारी हूं। मेरी आठ पुस्तकों में से इसे यह दर्जा मिला, इससे अभिभूत हूं और इसका श्रेय ईश्वर की कृपा और वरिष्ठ जनों के आशीर्वाद को जाता है। इस पुस्तक में सर्वाधिक मालवी सुविचार सम्मिलित हैं।

समाचार पत्रों की झलकियां-























https://indorestudio.com/bholi-ben-ka-nam-india-book-of-records-me-darj/


https://www.amarujala.com/madhya-pradesh/ujjain/mp-news-name-of-ujjain-daughter-hemlata-sharma-entered-in-india-book-record-2023-07-07


https://yuvapravartak.com/86631/


https://girishnews.com/4038/


https://newsjunction18.com/94265/


https://abnaawaznewz.blogspot.com/2023/07/blog-post_88.html


https://www.vipradarpan.com/2023/07/blog-post_5.html


https://publiclook24.com/?p=22062







Sunday, July 16, 2023

हरयाली अमावस-अपणा तीज़ तेवार

 


अपणा तीज़ तेवार - हरयाली अमावस

                    (अपणो मालवो)

        

        अपणा मालवा निमाड़ को मोटो परब हे यो। हरयाली अमावस के दिवासो भी बोल्यो जाय हे। 

सावण को यो दूसरो सोमवार हरयाली अमावस का कारण थोड़ो विसेस हे । सावण में अपण सब भोलेनाथ बाबा की पूजा वसे भी करां पण आज को दन पितर होण की उपासना तिथि मान्यो जाय हे. असी मानता हे के इनी दन उपवास रखी ने शिवजी की पूजा अने मंत्र जाप करया जाय तो आर्थिक अने पारिवारिक समस्याहोण दूर हुई जाय हे तो खूब पूजा-पाठ करो अने पूजा उपासना से विसेस लाभ लो । अमावस्या का दन शिव भगवान की पूजा प्रदोष काल में करनो सर्वोत्तम मान्यो जाय हे. हरयाली अमावस मनाने से पितृदोष, कालसर्प दोष आदि भी दूर हुई जाय हे। आज का दन तुलसा जी अने पीपल की पूजा होय हे।

हरियाली अमावस को माहत्तम:-

सावण मास की अमावस के हरियाली अमावस बोल्यो जाय हे। बरसात का दन रे अने चारी आड़ी हरियाली हुई जाय, इनी वास्ते इके हरियाली अमावस कयो जाय हे। इनी दन दान, ध्यान अने स्नान को घणों माहत्तम हे. इका अलावा पोधा भी लगय दो तो पर्यावरण संरक्षण भी हुई जाय। आज का टेम की मांग हे। महाभारत में भी भीष्म पितामह ने कयो थो के हरयाली अमावस का दन जो मनख स्नान, दान धरम अने भोले बाबा की पूजा करेगा उ सब तरे से सुखी, निरोगी अने समृद्ध रेगा। 

धाणी -मुक्का:-

हरयाली अमावस पे कुंवारी छोरी होण जंवारा बोय ने तलाव पे ठंडा करने जाय । साते धाणी पाड़ी ने लय जाय । मुठ्ठी में धाणी भरी ने अपणी सखी सेली होण के पीठ में मुक्कों मारी ने धाणी उके दय दे। एक तरे को मनोरंजक खेल हे यो। नरा लोगोण आज का दन टिपन-पाल्टी भी करें। घर से भोजन बणय ने तलाव किनारे नी तो मंदर में लय जाय ने वा ज मोज मस्ती का साते दन टेर करी ने संझा के घरे अय जाय । 

         तो सगला जणा आज हरयाली अमावस मनाव ने धाणी मुक्का खाव। 

                                 तमारी अपणी

                                   भोली बेन 

Wednesday, July 5, 2023

समकालीन विमर्श में वर्तमान हिन्दी-काव्य


 अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य संस्थान गुजरात, अहमदाबाद से प्रकाशित कृति "समकालीन विमर्श में वर्तमान हिन्दी-काव्य (सप्तकवि-काव्य संकलन) में मेरी रचनाओं को स्थान देने के लिए संपादक डॉ चंद्रपाल सिंह यादव दादा को साधुवाद। अपने संपादकीय में वे लिखते हैं - "हेमलता शर्मा 'भोली बेन' एक युवा कवयित्री है । मालवी में वह प्रमुख: लिखती हैं और हिन्दी में भी उनकी लेखनी चल रही है । हेमलता शर्मा की रचनाएं नई कविता के शिल्प का संस्पर्श लिये हुए हैं । समकालीन के समानान्तर उनकी नवगीत विधा जैसी रचनाओं के कथ्य में विद्रोही स्वर भी सुनाई देता है जिसमें वह नारी से चंडी, दुर्गा बनकर नर पिशाचों का खून पीकर अंत कर देने की बात कहती हैं ।



          अपने आसपास के परिवेश और पर्यावरण के प्रति सजग वह विलुप्त होते जा रहे गौरेया जैसे पक्षियों के प्रति भी चिंतित दिखती हैं । सर्वस्व त्याग कर सीमा पर तैनात जवानों की कुर्बानी को वह नमन करती हैं । वीरांगना के रूप में रानी लक्ष्मीबाई को भी कवयित्री स्मरण करती है । सत्य पर चलते रहने से आने वाली हर मुसीबत का कवयित्री मुकाबला करने की बात कहती हैं । नारी होने के नाते वह नारी को नारायणी जैसे विशिष्ट रूप में उपस्थित कर नारी की महत्ता का बखान करती है । हेमलता शर्मा के नव गीतों में भाषा की रवानगी है शैली में टटकापन है । " 

                मेरी रचनाओं की इतनी सुन्दर प्रकार से विवेचना करने हेतु हृदय से आभार। 😀🙏🏻💐💐

गाजबीज माता को बरत -मालवी लोक परम्परा

 गाजबीज माता को बरत -मालवी लोक परम्परा अपणो मालवो निमाड़ तीज तेवार की खान हे। यां की जगे केवात हे - बारा दन का बीस तेवार। केणे को मतलब हे कि...