Thursday, March 30, 2023

राम जी की लीला

 

शीर्षक- रामजी की लीला

(रामनोमी विशेष)

राम नाम की धुन सुरीली,

लागे सबके घणी प्यारी हे ।

मर्यादा को पाठ पढ़ायो,

लीला उनकी घणी न्यारी हे ।। 


राम के जिने जनम दियो, 

बा दशरथ-कोशल्या महतारी हे ।

श्री राम भगवान केवाया तो,  

मां-बाप  भी अवतारी हे ।।


जनकसुता से ब्याव रचायो,

जग की पतिव्रता नारी हे ।

केकयी ने वन में भगायो,

दासी मंथरा ने मति मारी हे ।।


राक्षस के वन से भगायो,

शिला पांव मार अहिल्या तारी हे,

शबरी का एठा बोर खाया,

ऐसा भक्तहोण पे बलिहारी हे ।।


रावण कुल को नाश कर् यो,

सिया प्राण से प्यारी हे,

चोदह बरस बितय ने आया,

अयोध्या में मनी दिवारी हे ।।

               स्वरचित

    हेमलता शर्मा भोली बेन

      इंदौर, मध्यप्रदेश






       

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