शीर्षक -अपणा मुख्यमंत्री मोहन यादव जी भी कय रिया हे के मालवी जन्माष्टमी मनावां, कांकरिया अजमा को भोग लगावां।
वसे तो जन्माष्टमी आखा देस में मनई जाय हे अने मथरा-वृंदावन की फेमस भी हे पण अपणो मालवो भी कई कम नी हे। यां का लोगोण को उत्साह भी चरम पे रे हे । अने तिथि होण का घालमेल को रापटरोल्यो हर बार ज चले हे। एक तिथि दो दन तक चले हे। इसे यो लगे हे कि उत्सवप्रेमी भारत को सच्चों प्रतिनिधित्व "अपणो मालवो" ज करे हे। या की जगे हरेक तेवार दो दन तक मनायो जाय हे। अपणे कई खाव-पियो, देवदरसन करो ने मोज करो। अपणा मुख्यमंत्री जी भी कय रिया हे। नी मानो तो 21 अगस्त 2024 को सर्कूलर देखी लो ।
मालवा में जन्माष्टमी कृष्ण मंदर होण का साते लगभग हरेक घर में मनई जाय हे। वल्लभ सम्प्रदाय का लोगोण तो ठाकुर जी को अच्छो खासो उत्सव करे हे। बालरूप की पूजा करे। मिष्ठान बणावे अने राते 12 बजे कृष्ण भगवान को जनम मानी ने आरती उतारें। विशेस करी ने धणा की पंजीरी ने कांकरिया अजमा को भोग लगावे। इनी बहाना से गरीब-से-गरीब मनख भी डिराय फ्रूट को परसाद खय ले हे।
इनी दाण भी 6 सितंबर की दुफेर से लय ने 7 सितंबर की दुफेर तक जनमानस जन्माष्टमी परब मनावेगो आने लड्डू गोपाल को हिंडोलो सजावेगो। अने अपणा मालवा का लोगोण तो इत्ता उत्साहित रे हे के जगे-जगे चोराया पे दही - मटकी टांगी ने मटकी फोड़ की प्रतियोगिता ज कराने मंडी जाय अने ओर तो ओर मटकी फोड़ने वाला अपणा के " "गोपाल" से कम नी समझे। अई चढ़े-वई चढ़े, उपरा-उपरी पड़े पण मटकी जरूर फोड़े अने मटकी फोड़ने का बाद दई माखन बखरी जाय उके चाटी-पोंछी ने खाय, इको भी अलग ज आनंद हे बाल लीला के साकार करनो चाय हे। नरा लोगोण आज राखी को तेवार भी मनाय हे।
तो भई बेण तमारे सबके जन्माष्टमी की दो बार बधई । दो दन तक खूब तेवार मनावो अने इंदौर का राजवाड़ा का कृष्ण मंदिर में दरसन करनो मत भूलजो असेज उज्जैन का गोपाल मंदिर, आगर को रणछोड़ दास मंदिर की रोनक भी कम नी रेगी। सब जगा दरसन करने जाव ने पंजेरी ने कांकरियो अजमो जरूर बणाजो, जापा वाली के खिलायो जाय हे पण परसादी का रूप में अपण सब ज लांगा। चरनामृत वास्ते पंचामृत भी बणाजो। लड्डू गोपाल के नवा वस्त्र धारण कराजो अने घर का नाना-मोटा छोरा-छोरी होण को सिंगार करी ने लड्डू गोपाल सरुखा सजाजो अने फेर सेल्फी ने रील बणय ने फेसबुक अने इंस्टा पे चोटय दीजो। व्हाट्सएप पे बधई तो काल से ज शुरू हुई गी हे। "आलकी के पालकी जे हो लड्डू गोपाल की "
स्वरचित
हेमलता शर्मा भोली बेन इंदौर मध्यप्रदेश
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