एक पत्र कोरोना का नाम
तु हमारा देस में क्यों आयो हे? 'अतिथि देवो भव' की परंपरा वाला देस के तने धर्म संकट में डाली दियो है । तु तो बिन बुलायो पामणो हे । कई तु नी जाणे कि भारत में बिन बुलाया अतिथि होन को कोई विशेष पूछ-परख नी होय? साते ज थारे यो भी पतो होनो चिए कि यदि मेहमान एक सीमा से जादे टेम तक कां की जगे ठेरी जाए तो लोगोण उके भगावा की योजना बनाने लगे हैं अने उको सम्मान क्षीण हुय जाय है । कई थारा में इत्तो भी स्वाभिमान नी बच्यो है ? दो मैना होने के आया, तू यां ज पड़ियो है निर्लज सरीखो । अब्बे तो चली जा आखिर कदे जायगा ? थारे तो इत्तो भी नी मालम कि अतिथि की भी एक मर्यादा होय है ऊ कदी भी मेजबान को नुक्सान नी करे, पण तने तो हमारा देस में बिन बुलाया मेहमान सरीखो अय के बोम्बाट मचय दी। हमारे नरा देशवासीहुण का प्राण के हरने को निकृष्ट कार्य करियों हे अने नरा लोगोंण के मांदो करी दियो हे । थारा कारण आज सगला लोगोण अपना-अपना घर में कैद हैं । हम थारा से पची गया हां,अब्बे तु चल्यो ज जाजे हो बस चल्यो ज जा ।
राष्ट्रप्रेमी नागरिकहुण
हेमलता शर्मा 'भोली बैन' राजेंद्र नगर, इंदौर, मध्य प्रदेश
Malvi me kewat he....pela din ko pamno dusre dinko pai tsre din ni gayo to uki akkal gai.3 dan ni 3 mena hone aaya ijjt pyari he to ja lakda padiya.
ReplyDeleteसांची वात करी रिया हो पण यो करोनो पामणो इत्तो सीदो सट नी हे ...वा एक मालवी केवात हे नी--लाकड़ा का देव के खांसड़ा की पूजा लगे...असेज इकी बी बुआरी से पूजा करनी पड़ेगी जदे परपराट भागेगो यो मसाण को ल्यो करोनो पामणो।
Deleteसांची वात करी रिया हो पण यो करोनो पामणो इत्तो सीदो सट नी हे ...वा एक मालवी केवात हे नी--लाकड़ा का देव के खांसड़ा की पूजा लगे...असेज इकी बी बुआरी से पूजा करनी पड़ेगी जदे परपराट भागेगो यो मसाण को ल्यो करोनो पामणो।
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