Saturday, June 4, 2022

मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी निर्माण में संस्कृति मंत्री का होगा अहम योगदान

 

मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी की स्थापना में होगा संस्कृति मंत्री का अहम योगदान ,,             मालवी निमाड़ी अकादमी संघर्ष समिति ने सौंपा ज्ञापन ,,,,                                                         इंदौर । बीते 2 माह से मालवा निमाड़ में मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी बनाने की मांग हजारों लोगों द्वारा की जा रही है ,ताकि भविष्य में हमारी बोली, भाषा और लोक संस्कृति आगे बढ़ती रहे और हमारी सभ्यता संस्कृति को आने वाली पीढ़ी उसे पढ़कर समझकर आगे और राष्ट्रीय पटल पर ले जा सके, जो मालवा निमाड़ के लिए सबसे बड़े गौरव की बात होगी।  इसके लिए  शनिवार को मालवी निमाड़ी संघर्ष समिति की अध्यक्ष प्रख्यात मालवी लेखिका सुश्री हेमलता शर्मा "भोली बेन " के नेतृत्व में समिति सदस्यों ने हजारों लोगों का हस्ताक्षरित ज्ञापन पत्र राज्य की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर को सौंपा है , जिस पर संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि यह मालवा निमाड़ के लिए गौरव की बात है । हम भी चाहते हैं कि अपनी बोली, भाषा और संस्कृति को और आगे बढ़ाने के लिए मालवा निमाड़ में मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी की जल्द से जल्द स्थापना हो, इसके लिए हम भी मुख्यमंत्री और राज्य सरकार से अनुनय निवेदन करेंगे । मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी की मांग को लेकर जल्द ही हजारों लोगों द्वारा किए गए हस्ताक्षरित ज्ञापन को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपा जाएगा ,इसकी तैयारी भी संघर्ष समिति द्वारा की जा रही है । गौरतलब है कि बीते दिनों भगवान परशुराम जयंती के शुभ अवसर पर मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी बनाने की मांग को लेकर मालवी निमाड़ी अकादमी संघर्ष समिति ने मालवा निमाड़ के उज्जैन और इंदौर संभाग के 15 जिलों में हस्ताक्षर अभियान चलाया था ,जिसमें बूढ़े बच्चों से लेकर अमीर, गरीब सहित हर वर्ग हर समुदाय के लोगों ने हस्ताक्षर कर राज्य सरकार से मालवा निमाड़ में मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी बनाने की मांग की है । मालवी निमाड़ी लोगों का कहना है कि मालवा निमाड़ में हमारी करीब ढाई करोड़ आबादी है यहां अन्य वर्ग समुदाय के लोगों की अकादमी शासन द्वारा स्थापित की गई है यदि मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी बन जाती है तो भविष्य में हमारे बच्चों को हमारी बोली और संस्कृति को समझने व पढ़ने में योगदान मिलेगा और हमारी बोली व संस्कृति भविष्य में भी हमेशा बनी रहेगी । इस संबंध में मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी संघर्ष समिति की अध्यक्ष "भोली बेन " का कहना है कि जब तक मालवा निमाड़ में अकादमी नहीं बन जाती हमारा संघर्ष हर स्तर पर चलता रहेगा । अकादमी हमारे लिए ही नहीं आने वाली पीढ़ी के लिए भी बहुत जरूरी है। आज के दौर के बच्चे जो स्थानीय बोली और संस्कृति को भूलते जा रहे हैं यदि अकादमी बन जाएगी तो फिर वह भी एक बेहतर मुकाम को समझ कर भविष्य के लिए बेहतर काम कर सकेंगे और हमारी बोली व संस्कृति देश विदेश में विख्यात होगी । 


     हस्ताक्षर अभियान में सहभागी लोग


ज्ञापन सौंपने वालों में पंडित मुकेश शर्मा ,अभिमन्यु शर्मा ,अभिषेक तिवारी, निरुपमा त्रिवेदी, बबन पटेल ,निरुपमा नागर, रामलाल सिंघल, रंजना मुकेश शर्मा, संजय शर्मा, मुकेश मोरी, राजेंद्र मित्तल ,वासुदेव पटेल तवर ,प्रदीप नाईक, दिलीप जोशी, अशोक कारपेंटर, डॉ शशि निगम, हरेराम वाजपेई, रोशन लीलानी ,राघवेंद्र तिवारी, संजय डागा, देवेंद्र सिसोदिया सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।



             मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी से बढ़ेगा लाखों लोगों का गौरव-----  जैसे ही मालवा निमाड़ में मालवी निमाड़ी साहित्य अकादमी की स्थापना होगी उससे क्षेत्र के लाखों लोगों का गौरव और अधिक बढ़ जाएगा। आज हमारी पीढ़ी जो घर की स्थानीय बोली व संस्कृति को भूलती जा रही है उन्हें इस अकादमी से एक नई दिशा मिलेगी और वे अपने भविष्य को बेहतर कर पाएंगे वही अकादमी बनने के बाद मालवा निमाड़ का साहित्य संरक्षित रहेगा जो कि भविष्य में नई पीढ़ी के लिए बहुत आवश्यक है। इसके लिए जितना भी संघर्ष कुर्बानी देना होगी उसके लिए मालवा निमाड़ के लाखों लोग देने को तैयार है।

गाजबीज माता को बरत -मालवी लोक परम्परा

 गाजबीज माता को बरत -मालवी लोक परम्परा अपणो मालवो निमाड़ तीज तेवार की खान हे। यां की जगे केवात हे - बारा दन का बीस तेवार। केणे को मतलब हे कि...