Thursday, August 27, 2020

अपणो मालवो-मालवी लोकोक्तियां एवं मुहावरे

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भोली बेन की मालवी प्रेमी लोगोण खे सस्नेह भेंट --मालवी बोली की पुस्तक-अपणो मालवों ---एक क्लिक पे उलब्ध है ।   Download पर क्लिक करें और पुस्तक पढ़े । यह पुस्तक निशुल्क है । ISBN number लेने के लिए 10/-रूपये प्रिंट करना पड़ा । अधिक से अधिक लोगों को शेयर करें ताकि पुस्तक अधिक लोगों तक पहुंच सके । 

            तमारी अपणी भोली बेन

Friday, August 14, 2020

कोरोना काल में बदली ग्या स्वाधीनता दिवस का मायना

 अपणो मालवो परिवार का सगला जणा के स्वतंत्रता दिवस की सुबे की राम राम अने घणी घणी बधई ने सुभकामना 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳जै हिंद, जै भारत😃🙏🏻💐💐


कोरोना काल में बदली ग्या स्वाधीनता का मायना
आज देश की 125 करोड़ जनता आनंद में डूबी है क्योंकि आज का ज दन हमारो देश आजादी खे प्राप्त करी सक्यो थो। आज 73 वो स्वतंत्रता दिवस मनायो जय रयो है । भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (1) में भारत का नागरिक होण के छ: प्रकार की स्वतंत्रता प्रदान करी गई है जसे;-
१. वाक स्वातंत्र्य अने अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य
२.शांतिपूर्वक अने निरायुध सम्मेलन करने की
३. संगम या संघ या सहकारी समिति बनाने की
४. भारत का राज्य क्षेत्र में सर्वत्र अबाध संचरण की
५. भारत का राज्य क्षेत्र का किनी भाग में निवास करने अने बसी जाने की
६. कोई वृत्ति, आजीविका व्यापार या कारोबार करने की।
       कोरोना काल में लोगोंण का लिए उपर्युक्त स्वतंत्रता होण का मायना बदली ग्या । 
व्यक्ति के कोरोना से बचाव वास्ते मास्क लगाणो भोत ज जरूरी अने अनिवार्य कर दियो गयो है जिका कारण ऊ अपनी वॉक अने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खे बाधित महसूस करी रयो हे । वर्तमान में ऊ शांतिपूर्वक भी कां बी सम्मेलन नी करी सकतो साते ज अब्बी न कोई संघ या समिति बनय सकतो हे ना कोई बैठक आयोजित कर सकता है साते ज उके घर से बाहर आने जाने पे भी रोक लगी हे मतलब केणे को यो हे के शासन का निर्देशानुसार तय समयावधि में ज मनख घर से बायर निकली सकतो हे, मजदूरहोण को पलायन देखी ने कां भी निवास करने अने बसी जाने की स्वतंत्रता भी कहीं न कहीं बाधित हुई री है । 
       कित्तो अजीब लगे हे नी के जो स्वतंत्रता देश का नागरिकहोण खे भारत का संविधान ने प्रदान करी , वां ज कोरोना काल में कोरोना का डर ने हमारा से छीनी ली । कोरोना को भय लोगोंण का दिमाग पे इनी कदर हावी‌ हे के सोशल डिस्टेंसिंग के अपनय ने लोगोण ने आपस में मिलनो-जुलनो, बात करनो तक कम करी दियो । 
        अपणा देस में स्वतंत्रता दिवस आने गणतंत्र दिवस दो राष्ट्रीय पर्व का रूप में सन 1949 से ज मनाया जाता रया हे अने आगे भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता रेगा, पण मन में संका यां हे कि सोशल डिस्टेंसिंग को पालन करता हुआ कोरोना के मात देता हुआ कनी परकार से अपण अपनो यो 73 वो स्वाधीनता दिवस मनावांगा  । इत्तो भव्य तरीका से तो नी मनय पावांगां जसो के हर बार मनायो जाय हे इनी बार को स्वतंत्रता दिवस कुछ कुछ फीका सो रेने वालो हे अने जो एक उल्लास इना दन भारत की 125 करोड़ जनता का हिवड़ा में छय जाय हे आज वी हिवड़ा जराक मायूस जरूर रेगा, क्यवकिं कोरोना ने  स्वतंत्रता दिवस का मायना बदली दिया हे ।  फिर भी बच्चा, बूढ़ा अने युवा सगला इनी पर्व के धूमधाम से मनाने वास्ते आतुर हे अने  अपना-अपना तरीका से इनी दन के उल्लास से मनायगा ज, हां इत्तो जरूर से के वसो भव्य आयोजन,परेड, झांकिहोण उल्लास देखने के नी मिलेगो, क्योंकि कोरोना काल में स्वाधीनता दिवस का मायना ही बदली गया हैं । गला देशवासिहोण के स्वाधीनता दिवस की घणी-घणी बधई, इनी संदेश का साते की कोरोना काल की समाप्ति का पश्चात पाछी नई सुबे होयगी अने पाछा उनी ज भव्य तरीका से स्वतंत्रता दिवस मनायो जायगो । उम्मीद की किरण 125 करोड़ देशवासिहोण का हिवड़ा में विद्यमान हे के जल्दी ज कोरोनाकाल समाप्त होयगा अने खोई हुई खुशिहोण पाछी आएगी ।
        सुश्री हेमलता शर्मा भोली बैन इंदौर

गाजबीज माता को बरत -मालवी लोक परम्परा

 गाजबीज माता को बरत -मालवी लोक परम्परा अपणो मालवो निमाड़ तीज तेवार की खान हे। यां की जगे केवात हे - बारा दन का बीस तेवार। केणे को मतलब हे कि...